Why Muslims Are Ready To Die For Prophet Muhammad ﷺ Any Time | Who Is The Prophet Muhammad ﷺ ?
अस्सलाम
अलैकुम
इस्लामिक
वंडर्स के नाज़रीन आजका
पोस्ट मैं इसलिए लिख रहा हूँ की
मुझे लगता है। एक
फ़रीज़ा है जिसे हम
शायद भूल रहे हैं।
और इसी का नतीजा
है जो दज्जाली फ़ितने
इसका फायदा उठा कर हमारे
प्यारे आक़ा की गलत
पहचान दुनिया में पेश कर
रहे हैं ताकि दुनिया
के गैर मुस्लिम की
नज़र में आप स, के बारे
में गलत गुमान पैदा
कर सके।
आज इस पोस्ट में
हम हमारे सरकार मुहम्मद मुस्तफा स, के कुछ
उसूलों के बारे में
बात करेंगे जिसे हमे दुनिया
को दिखाना है की क्यों
हम अपने आक़ा स,
को अपनी जान ,अपने
माँ बाप ,अपनी औलादों,
अपनी दौलत
शोहरत , इज़्ज़त से बढ़ कर
चाहते हैं। और
उनकी शान की खातिर
क्यों मर मिटने को
तैयार है।
आप से गुज़ारिश है
की पोस्ट को लाज़िमन पूरा
ज़रूर पढ़ें, और एक ईमान
वाला होने के नाते
इस पैगाम को दुनिया के
हर इंसान तक ज़रूर पहुंचाए
ताकि उन्हें भी पता चले
की हमारे आक़ा की ज़ात
वो ज़ात है जो
सिर्फ मुस्लिमों के लिए नहीं
सारी दुनिया के लिए रहमत
बन के आएं हैं।
और मुझे यक़ीन है
हर वो इंसान जो
हकीकत का सामना करने
की हिम्मत रखता हो और
उसे तस्लीम करने की सलाहियत
रखता हो ज़रूर इसे
मानेगा और हो सकता
है हमसे भी ज़्यादा
इश्क़ व मोहब्बत में
बढ़ जाये।
दोस्तों पोस्ट शुरू करने से
पहले आपसे गुज़ारिश है
की अगर आप हमारे
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तो हमारे इस वेबसाइट को
सब्सक्राइब ज़रूर करें हें। और अगर आप
फेस बुक पर देख
रहें है तो हमारे
पेज को लिखे एंड
शेयर ज़रूर करदे ,
तो चलिए नाज़रीन एक
खूबसूरत मक़सद लिए अपना
वीडियो शुरू करतें है।
मै मुहम्मद हुसैन खान एक बार
फिर आपका इस्तेकबाल करता
हूँ अपने इस प्लेट
फॉर्म इस्लामिक वंडर्स में
इस्लामिक
वंडर्स के नाज़रीन दुनिया
को बता दो की
मुहम्मद स, कौन है।
और क्यों हम अपनी हर
चीज़ से बढ़ कर
आप स, से मोहब्बत
करतें हैं।
वैसे
तो बेशुमार पॉइंट्स है लेकिन वक़्त
की कमी के पेशे
नज़र हम सिर्फ कुछ
ख़ास बातों का ही ज़िक्र
करेंगे अगर इस से
ज़्यादा तफ्सील जाननी हो तो आप
मुहम्मद स, की ज़िन्दगी
पर आधारित हज़ारों किताबें है वो पढ़ें।
यहाँ जो बातें हम ज़िक्र कर रहें है वो ये है की
१) येही वो शख्सियत
है जिसने १४५० साल पहले
एक आम इंसान के
हुक़ूक़ का अव्वलीन चार्ट
तैयार किया और उसे
दुनिया में नफीस किया।
और कहा की सिवाए
उसके अमल और तक़वे
के किसी को किसी
पर बरतरी नहीं, सब उस अल्लाह
के नज़दीक बराबर है
२)इन्ही ने मज़बूत खानदानी
निज़ाम की बुनियाद रक्खी
३)इन्होने ही औलाद पर
माँ बाप के हुक़ूक़
की अदाएगी को फ़र्ज़ क़रार
दिया।
४) इन्हिने ही दुनिया में
१४५० साल पहले बेटी
बचाओ बेटी पढ़ाओ के
आंदोलन की शुरुवात की।
और औरत पर होने
वाले ज़ुल्मों को रोका , और
उन्हें सही हके दिलवाया,
आज लोग इस्लाम को
बिना जाने बदनाम करते
हैं की इस्लाम ने
औरतों को क़ैद कर
सिर्फ बच्चे पैदा करने की
मशीन बना रक्खा है।
उन्हें बताओ की इस्लाम
जैसी आज़ादी औरत को दुनिया
में किसी ने नहीं
दी, हाँ परदे की
पाबन्दी इसलिए दी की दुनिया
की वहशत भरी बुरी
नज़रों से अपनी माँ
बहन बेटियों को बचा सकें
फैसला आप खुद करे।
५) आप स, ने
ही किसी बेक़सूर पर
ज़ुल्म से मना फ़रमाया
और अदल व इंसाफ
क़ायम किया।
६) मोहम्मद स, ने ही
हमे बताया की एक बेक़सूर
का क़त्ल सारी इंसानियत
का क़त्ल है , गोया
उसने सारे इंसानो को
क़त्ल कर दिया।
आप खुद ही सोचे
जो इंसान दूसरे इंसानो का इतना ख्याल
रखता हो, चाहे वो
किसी भी मज़हब और
धरम से तालुक रखता
हो, क्या वो ऐसा
हो सकता है जैसा
दिखाया जारहा है ?
७)ये ही वो
मुहम्मद स, है जिन्होंने
नफरतों और दुश्मनियों को
खत्म फार्मा कर इत्तेहाद व
इत्तेफाक और बाहेमी ताउन
को फरोग़ दिया।
८) इन्होने ही हमे पड़ोसियों
और रिश्ते दारों से मुहब्बत करना
सिखाया, और कहा की
तुम जब तक जन्नत
में ना जाओगे जब
तक की तुम्हारा पडोसी
तुम्हारी आफतों से अमन में
नाहो, चाहे वो किसी
भी मज़हब से तालुक
रखता हो। यानि हत्तल
इमकान कोशिश करो की की
तुम्हारा पडोसी हर लेहाज़ से
तुमसे खुश हो।
९) इन्होने ने ही एक
दूसरे का एहतेराम करना
सिखाया।
१०)इन्होने ही मोहताज लोगो
की मदद करना सिखाया।
मरीज़ों की अयादत करने
का हुक्म दिया। भुको को खिलाना
प्यासों को पिलाना सिखाया।
११)
माफ़ करने को बदला
लेने से बेहतर बताया।
१२)
यतीमो के साथ शफ़क़्क़त
से पेश आने का
हुक्म दिया। और उनकी मदद
करने को कहा।
१३)
बेवाओं से निकाह को
तरजीह दी ताकि उनकी
बची हुई ज़िन्दगी आसान
हो। है कोई ऐसा
जो ऐसा करने का
हुक्म दे या करके
दिखाए ?
१४)
आज जो सारी दुनिया
मैनोर्टी मैनोर्टी करके
ढकोसले पेश करती है
, वो ये जान ले
की सब से पहले
मैनोर्टी जमात
के हुक़ूक़ की पास बानी
हमारे आक़ा स, ने
ही की।
१५)
सारी दुनिया जो जंग में
मज़लूमो और हथियार डालने
वालो के साथ सुलूक
करती है उसे हमारे
आक़ा ने गलत क़रार
दिया और फ़रमाया की
जो हथियार डालदे उसे क़त्ल ना
करो, उसकी हिफाज़त करो,
और जिन से तुम्हे
कोई खतरा नहीं उन्हें
बे फ़ुज़ूल क़त्ल ना करो
ख़ास कर औरतें बच्चो
और बूढ़ों को। आज कौन
है जो इस पर
अमल करता हो या
कहता हो।?
दोस्तों
ये तो सिर्फ रहमत
के समुन्दर के कुछ क़तरे
हैं जो मैंने आपके
सामने पेश किये , अगर
आपको इसका जायज़ा लेना
हो समुन्दर में गोटा लगा
कर देखलो। मै
नहीं कहता मेरी बात
को सच जानो कम
से कम के सच्चा
हिन्दू क्रिस्चन बौद्ध बन के आप
हमारे मुहम्मद स, के सच्चे
जीवन पर आधारित किताबे
तो पढ़ो या आप
किसी भी मज़हब से
ताल्लुक़ रखते हो ? क़ुरआन
तो आपके सामने है
ही लेकिन अगर क़ुरआन से
दुश्मनी है तो लाखो
गैर मुस्लिम ने भी आप
स , की ज़िन्दगी पर
अपने ख़यालात किताबों की शकल में
पेश की है कम
से कम वो ही
पढ़ लो
आप का ज़हन खुद
गवाही देगा। की
वाक़ई मुहम्मद स, की हर
बात क़ाबिले एहतेराम है। और अगर
दुनिया उनके बताए गए
रास्ते पर चल निकले
तो दुनिया से बुराई का
हमेशा के लिए खत्म
हो जायेगा। फिर चाहे वो
किसी भी धरम या
मज़हब को फॉलो करे।
और एक बात जो
मै दुनिया से कहना चाहता
हूँ की मैं गलत
हो सकता हूँ, मुसलमान
गलत हो सकते हैं।
लेकिन ना मुहम्मद मुस्तफा
स, गलत हैं ना
उनके द्वारा दिखाया गया रास्ता गलत
है।
आप हमारी गलती के लिए
उन पर क्यों बोलते
हो ? हमने तो कभी
किसी के मज़हब और
धरम के विद्वानों को
बुरा नहीं कहा ? और
ये शिक्षा भी हमे हमारे
आक़ा स, ने ही
दी की , किसी भी
मज़हब के विद्वान हो
उनका आदर तुम पर
वाजिब है।
उम्मीद करता हूँ की जिस मक़सद से पोस्ट बनाई है अल्लाह उसमे कामयाबी देगा अमीन, और आपसे इल्तेजा है की हर गैर मुस्लिम तक ये पैगाम ज़रूर भेजे ताकि उनका मन भी साफ़ होजाये की आखिर क्यों मुहम्मद स, हमे इतने अज़ीज़ है।
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***End***
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